Meta tags:
Headings (most frequently used words):
हिन्दी, 2012, का, में, गीता, august, प्रकाशित, संस्कृत, भगवत, की, समीक्षा, काव्यानुवाद, सहित, पद्यानुवाद, मेघदूतम्, saturday, friday, छपकर, ग्रंथ, मेरठ, वेबसाइट, से, विजय, दर्पण, टाइम्स, नासा, हिुन्दी, अनुवाद, श्रीमद्भगवत, रघुवंशम्, लीजिये, बहुप्रतिक्षित, गया, श्री, अंग्रेजी, अर्थ, पूर्व, श्रीमदभगवदगीता, नृत्य, नाटिका, कृति, total, me, 17, बुक्स, 30, march, 23, june, 2015, इस, sunday, 2018, 18, पठनीय, मजा, के, समय, about, सुलभ, फटाफट, pageviews, posts, popular, पुस्तकें, हमारी, सहज, भी, है, ही, अलग, आनंद, पढ़ने, को, पुस्तकों, पर,
Text of the page (most frequently used words):
में (51), #हिन्दी (37), #गीता (35), #श्रीवास्तव (32), हैं (28), #प्रो (27), योग (23), #संस्कृत (19), #पद्यानुवाद (18), #विदग्ध (17), द्वारा (17), #shrivastava (16), #अध्याय (14), भारतीय (14), लिये (14), मूल्य (13), नहीं (12), गया (12), विरह (12), #अनुवाद (11), hindi (11), साथ (11), डालर (10), कालिदास (10), चित्र (10), रूपये (10), मेघदूतम् (9), भूषण (9), महाकवि (9), समय (8), श्लोक (8), vivek (8), ranjan (8), संगीत (8), रामभरोसे (8), यक्ष (7), श्रीमद्भगवत (7), रघुवंशम् (7), तथा (7), prof (7), किया (7), कृत (7), मूल (7), कृति (7), प्रिय (7), नृत्य (7), श्रीमदभगवदगीता (7), भगवत (7), posted (7), माध्यम (7), the (7), सदा (7), करता (7), भाषा (6), काव्य (6), मैं (6), संग्रह (6), जहाँ (6), अंश (6), विवेक (6), नेपथ्य (6), 2009 (6), हूं (6), translation (6), 2012 (6), august (6), सहित (6), मेघदूत (6), विषाद (6), समीक्षा (5), सन्यास (5), गीत (5), क्या (5), ज्ञान (5), पूर्व (5), इसी (5), श्लोकशः (5), समझने (5), रंजन (5), काव्यानुवाद (5), साहित्य (5), ग्रंथ (5), मेरे (5), अपने (5), महाभारत (5), श्लोको (5), फिर (5), व्यंग (5), रहे (5), राम (5), sanskrit (4), होता (4), शिक्षा (4), ध्यान (4), books (4), प्रकाशित (4), जीवन (4), पूर्ण (4), अपनी (4), जैसे (4), आत्म (4), हुये (4), 2011 (4), प्रेम (4), comments (4), meghdootam (4), संदेश (4), कर्म (4), kalidasa (4), jabalpur (4), किन्तु (4), जबलपुर (4), and (4), छंदबद्ध (4), मेघ (4), भारत (4), तुम (4), कुछ (4), प्रथम (4), आक्रोश (4), पृष्ठ (3), प्रकाशक (3), posts (3), विविध (3), समस्त (3), चाहिये (3), has (3), crater (3), विभूति (3), रात (3), निरंतर (3), मात्र (3), यक्षिणी (3), सुंदर (3), मेरी (3), comment (3), ऐसा (3), मेरा (3), हमारी (3), सुलभ (3), सहज (3), किताबों (3), श्रीमद् (3), भावो (3), किंतु (3), सुख (3), with (3), १५० (3), बनाने (3), बाउण्ड (3), इनके (3), वेषभूषा (3), हार्ड (3), २५० (3), स्वर (3), बहुत (3), होती (3), हूँ (3), अमर (3), युग (3), october (3), दामिनी (3), गये (3), कोई (3), सर्ग (3), सभी (3), पत्नी (3), वाले (3), भावुक (3), november (3), अर्जुन (3), विषय (3), विश्वास (3), हेतु (3), करते (3), इससे (3), दूर (3), गायन (3), व्यक्त (3), हुआ (3), अपना (3), अभिव्यक्ति (3), नयन (3), जलद (3), अतः (3), जादू (3), आगमन (3), रूप (3), श्री (3), करने (3), कवि (3), आदि (3), poetry (3), पद्यानुवादक (3), सरल (3), पुष्प (3), दिया (3), march (3), पड़ी (3), com (3), www (3), अलकापुरी (3), http (3), तुम्हारे (3), amazon (3), कमल (2), सृष्टि (2), सका (2), निर्माण (2), कैलाश (2), तुम्हारा (2), कर्ण (2), जीव (2), कृष्ण (2), नमन (2), तुम्हारी (2), वतन (2), image (2), कहा (2), बडी (2), शयन (2), गेय (2), क्यों (2), हृदय (2), संभव (2), आचरण (2), विसंगति (2), रहा (2), धनु (2), कवियो (2), बिताती (2), विभिन्न (2), नाम (2), रजनि (2), जगत (2), भवन (2), मंजूषा (2), चंद्र (2), घूमते (2), मुक्तक (2), परिधि (2), दिवस (2), वही (2), चूमते (2), इन्द्र (2), किसको (2), देश (2), भांति (2), मिला (2), सखा (2), परिवर्तन (2), भला (2), पठनीय (2), अध्येता (2), दृश्य (2), हिंदी (2), शोभित (2), जीवनोपयोगी (2), चक्र (2), हिमालय (2), that (2), अवस्था (2), खण्ड (2), जिनमें (2), saturday (2), इति (2), कल्पना (2), परिचय (2), मनीषी (2), भाव (2), रचना (2), पाठको (2), दृष्टि (2), जानने (2), घटना (2), मिल (2), श्याम (2), लिखे (2), बना (2), अनुगुंजन (2), ग्रंथो (2), पुस्तक (2), मेघो (2), पता (2), तत्कालीन (2), उत्तर (2), प्रेमिका (2), पर्वत (2), समीक्षक (2), खरे (2), प्रिया (2), वर्षा (2), चार (2), शेष (2), शाप (2), वर्ष (2), वर्णन (2), रमणा (2), अति (2), स्थित (2), प्रस्तुत (2), अनेक (2), कभी (2), तड़ित (2), आवाज (2), गर्जना (2), नाटिका (2), तद्नुसार (2), चमकता (2), प्रकाश (2), किये (2), friday (2), युद्ध (2), श्रेष्ठ (2), चित्रभूषण (2), जाता (2), विहीन (2), आभूषणो (2), तदैव (2), बिंदी (2), सिंदूर (2), प्रतीको (2), वैवाहिक (2), अस्तव्यस्त (2), श्रंगार (2), सर्व (2), कारण (2), केश (2), यज्ञोपवीत (2), यही (2), अधोवस्त्र (2), आइये (2), चलते (2), संचार (2), देके (2), चरण (2), ००९४२५८०६२५२ (2), माना (2), ०७६१ (2), सूझबूझ (2), होगी (2), २६६२०५२ (2), world (2), खरा (2), श्रीमद्वभगवत (2), geeta (2), राजविद्वा (2), लेखन (2), लिखने (2), तुम्हें (2), राज (2), गुहय (2), anuvadak (2), 9425484452 (2), प्रति (2), poetic (2), b013kwcpxo (2), विश्वरूप (2), मजा (2), फोन (2), श्रीमद्भवगत् (2), तरह (2), हिुन्दी (2), लगाकर (2), भिन्न (2), टाइम्स (2), दर्पण (2), श्रम (2), यज्ञ (2), लेखकों (2), विजय (2), सुने (2), मेरठ (2), greatest (2), उसे (2), कौआ (2), india (2), raghuvansham (2), हमारा (2), रघुवंश (2), बनी (2), are (2), ऐसी (2), सपनों (2), यथार्थ (2), कान (2), स्वयं (2), दर्शन (2), 2010 (2), धर्म (2), january (2), हंस (2), कालीदास (2), पद्य (2), रही (2), चंदन (2), december (2), shlok (2), संसार (2), 2018 (2), june (2), 2015 (2), 2007 (2), मां (2), वीण (2), कर्मयोग (2), ९४२५४८४४५२ (2), विश्व (2), दोनों (2), ईशाराधन (2), उदास (2), जादूगर (2), इनकी, ग्रँथ, मनीषीयों, वहीं, शिरोमणी, कुल, प्र, विपरीत, sunday, विदेशी, bhagwatgeeta, शालीनता, इनमें, जहां, विवर्धित, लखो, बिजली, संपूर्ण, विद्वानो, लेखक, ४८२००८, संमति, समाहित, मिलते, जुदा, रामपुर, संस्कृति, प्रशंसा, जीवनी, दुर्लभ, इच्छा, plus, arth, पब्लिकेशन्स, अर्पित, मर्मज्ञ, मेघदूतम, अनुवादक, कैथल, विशेषता, रघुवंशम, रक्षा, original, बाल, english, हरियाणा, जबकि, मण्डल, अर्थ, कालोनी, प्रवंचना, विश्वस्तरीय, अंग्रेजी, कुमारसंभवम्, अभिग्यानशाकुन्तलम्, २५४, मूलतः, b012l20gnk, line, विद्युत, available, प्राप्ति, description, चोरी, बनकर, स्वैर, known, उष्ण, आंसू, बहाती, सुभगे, स्वामि, सुखद, लेकर, bhagwat, translated, पठाया, these, संजोये, क्षण, ever, भावनायें, सुनाने, book, यहाँ, पास, आया, श्यामालता, सुमुखि, अंग, कांति, हरिणि, महारात्री, केलि, मुख, reputed, सिरस, सुमन, सीमान्त, कदम, प्रफुल्लित, सखे, forthese, दशा, स्टेज, publisher, व्यथा, कृषांगी, search, प्रणय, करवट, दिखेगी, मलीना, क्षितिज, अंक, ज्यों, अमावस, told, कोर, क्षीणा, यथेच्छा, खोजता, spiritual, करो, चंद्रिकामय, बड़ी, लालसायें, poet, होंगी, हमारे, indian, भोग, होंगे, श्रीमती, considered, शरद, सुहानी, प्यारी, kalidas, आशीष, देता, उसकी, great, reminiscence, नमस्कार, कवितायें, उसका, विरूद्ध, कार्य, करके, दिन, शीघ्र, बर्हि, तरसता, shreemadbhagwat, उर्मि, बंक, fame, भ्रू, his, सोचता, खेद, किसी, सरसता, two, परस, बिता, दरस, दुख, क्रमसः, दोनो, अवधि, अंत, होगा, भुजग, उठेंगे, मुरारी, महीने, मूंदकर, मिलेंगे, विशेष, व्याख्येायें, जिन्हें, सुगीता, कर्तव्य, माहात्म्य, इंद्रियां, पठन, पाठन, धारयन्, वर्तन्त, जन्मे, इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेषु, प्रत्येक, अनिवार्य, उन्हे, कर्मरत, कैसे, प्रलपन्विसृजन्गृह्णन्नुन्मिषन्निमिषन्नपि, पश्यञ्श्रृण्वन्स्पृशञ्जिघ्रन्नश्नन्गच्छन्स्वपंश्वसन्, पढने, लाभ, तत्ववित्, मन्येत, साहित्यकारो, मनीषियो, साहित्यिक, कठिन, सूत्रो, युगानुकूल, तभी, असंभव, क्रम, वहॉ, समझा, सकता, जहॉ, भीषण, काम, मारकाट, रक्तपात, बोलते, चीत्कार, भयानक, वातावरण, उपस्थित, कला, अनुमान, पराया, हँसते, विस्मृत, विषम, परिस्थिति, सोते, भान, देखते, जान, पडती, सुनते, रूद, एकदम, प्रयास, कविश्रेष्ठ, व्यवस्थित, विज्ञान, प्रकारातंर, पक्षों, जिन्हे, स्वगत, मोक्ष, संताप, वृद्धि, उसके, अशांति, मार्गो, शरणागत, जिससे, विराट, मनन, उपासना, भक्तियोग, आकुलता, व्याकुलता, भयाकुलता, उत्पन्न, परंतु, परमात्मा, प्रकार, समक्ष, प्रकट, ईश्वर, जोडता, योग्य, प्रसाद, प्रयोग, केवल, शास्त्रो, धर्मग्रंथो, बल्कि, कुशल, स्वभाव, युक्तो, किंचित्करोमीति, नैव, बानगी, कवरी, अनूदित, कोमल, यात्रासंपन्न, अनुशीलन, छंद, दोहे, प्रायः, सिद्ध, प्रवृत्ति, उपयोगी, रचनाओ, आपने, सबके, आपका, दृष्टव्य, स्वाध्याय, ढ़ंग, पक्षो, अन्य, औषध, काव्यगत, आनन्द, यथावथ, अनुराग, सके, उद्देश्य, उनके, शलोकशः, शब्दार्थ, जमदाग्नि, प्रबल, हवन, अग्नि, साधारण, घृत, मंत्र, स्वधा, हुतम्, मंत्रोऽहमहमेवाज्यमहमग्निरहं, बढ़िया, स्वधाहमहमौषधम्, यज्ञः, कागज, अच्छी, प्रिंटिंग, बहुमूल्य, अधिक, रहेगी, अहं, सिद्धांतो, भावगत, शब्द, सुदंर, मिलेगी, सहायता, क्लासिक, सुस, रोड, पाषाण, साधको, रखा, सदैव, पुणे, सार्वकालिक, इसमें, श्रृखंला, अभिरूचि, मैनेजमेंट, गूढ़, प्रेमियों, बोधगम्य, होते, दुरूह, सबकी, रुचि, क्रतुरहं, धार्मिक, पढना, इंद्रियाँ, आरंभ, होने, संकेत, योद्धाओ, चुके, दिये, मर्म, व्याख्या, भाष्य, वास्तव, स्पष्टतः, हृदयंगम, दिग्भ्रमित, करना, मानता, आवश्यक, भारतवर्ष, इतिहास, ऐतिहासिक, एवं, घटित, घटनाओं, संदर्भ, झांककर, दार्शनिक, आध्यात्मिक, आत्मा, भोक्तारं, कल्याण, उनका, भजते, मुझको, शालेय, विश्वविद्यालयीन, पाठ्यक्रमो, अध्ययन, शामिल, छात्रो, बहुउपयोगी, प्राण, यज्ञों, भगवान, यज्ञतपसां, हितकारी, शान्तिमृच्छति, ज्ञात्वा, सर्वभूतानां, द्वापर, समापन, कलियुग, पांच, हजार, कुरूक्षेत्र, सुहृदं, सर्वलोकमहेश्वरम्, रणांगण, सजती, picture, वेणि, परम, ईश्वरीय, प्रार्थनायें, सिसकती, अयोध्या, दुखी, नागरिक, उनको, शरण, बचाते, पतन, जाने, आते, विशाला, शारदे, वैभवशाली, सस्य, श्यामला, शांति, दायिनी, सुखदा, गुणमय, गरिमा, वाली, हिमगिरि, सागर, सेवित, १०८, वादिनी, पूजा, कथायें, जायेगा, सुनहले, क्रांति, लिखना, अच्छा, लगता, जानता, कविताओं, कथाओं, नैतिक, चेतना, वाहिनी, जगा, झंकार, वंचित, सशंकित, स्वार्थ, अगरु, अर्चना, आराधना, साधना, डूबते, अवलंब, आधार, शुभवस्त्रे, सच्ची, जिसे, भरोसे, for, detail, this, taken, narrow, angle, camera, nac, gives, close, look, named, renowned, older, classical, writer, kālidāsa, likely, after, formed, smaller, impact, created, second, destroyed, part, home, आरती, mpeb, धूप, दूसरा, बंधन, भाँति, क्रमशः, दुःख, नीचैर्गच्छिति, उपरिचदशा, चक्रमिक्रमेण, कस्यात्यन्तं, सुखमुपगतं, दुःखमेकान्ततोवा, colony, atom, rampur, 482008, प्रतियां, प्राप्त, पते, भिजवायें, बुक्स, पुस्तकों, पढ़ने, आनंद, अलग, पुस्तकें, subscribe, विवशता, central, total, पाठकहीनता, स्थितियां, सबसे, छिपी, रचनाकारो, सारस्वत, आहुतियों, मूल्यांकन, करेगा, आशा, about, फटाफट, pageviews, लेखकीय, पद्, कायरता, कृष्णार्जुन, प्रभावसहित, श्रीभग, प्रार्थना, योगारूढ़, पुरुष, vidagdh, शोषण, साहस, तां, वें, theme, powered, blogger, मानवीय, रहस्य, july, september, february, view, complete, profile, सामाजिक, रेड, कहने, एण्ड, व्हाईट, पुरस्कार, सम्मानित, संग्रहों, हिंदोस्तां, नाटकों, भीतर, रचनाकार, विवश, दुस्साहस, बोलेंगे, वैचारिक, अंतर्द्वंद, mandla, कस्यांचिद, वोटर, चलता, लोकतंत्र, जिंदा, करे, बार, नये, सिरे, उल्लू, बनने, मालिकों, नेताओं, शासन, यूं, संप्रभुता, ढ़ृड, सम्पन्न, लोकतांत्रिक, गणराज्य, प्राथमिक, इकाई, उसने, हाल, उमर, पार, संविधान, मताधिकार, मुंआ, महत्वपूर्ण, आस्था, अनुभवों, ०९४२५४८४४५२, popular, सांख्ययोग, निर्णय, तत्र, अर्जुनविषादयोग, सेनाओं, प्रधान, शूरवीरों, गणना, सामर्थ्य, कथन, धृतराष्ट्र, उवाच, padyanuvad, लगभग, इन्हीं, ४००, जिसने, समझ, लिया, खास, जम्हूरा, उस्ताद, रोजगार, छिपा, नुक्कड, नाटक, peak, कुसुम, धौत, आश्रय, प्रदाता, संदेशा, पठाना, धनपति, श्राप, अलकावती, नगरी, यक्षेश्वरों, विशद, चंद्रिका, प्रासाद, विनती, बन्धु, गम्या, गगन, पंथ, चारी, देख, वनिता, स्वपति, निहारेंगी, सांस, वदन, उठा, संतप्त, पड़ा, अलकें, साधन, मुखर, नही, अवगुंठित, अल्कापुरी, इंतजार, सामान्य, दाम्पत्य, विशिष्ट, क्षमता, विशिष्टता, मनीषा, कलाकारो, सकते, दुर्भाग्यवश, प्रतिवर्ष, दक्षिण, दिशा, बढ़ते, मानसून, लरजते, बरसते, बादल, पर्दा, खुलता, दर्शको, पीठ, बैठा, अवसादमय, रूक्ष, सुन, शायद, लीला, गहन, उत्तुंग, मणि, रत्नमय, भूमिवाले, भव्य, आमोदकारी, गुणों, तुलनाधिकारी, हाथ, गंभीर, अलक, सजे, कुन्द, कान्त, माला, लोध्र, स्वमुख, प्रवर्धन, निरत, नित्य, बाला, कुरबक, गर्जन, जिनकी, घोष, मोरपंखी, धरा, हरा, पुष्पशाली, देते, उड़ेंगे, नाल, मानस, प्रवासी, यथा, वपु, गोपवेशी, सुहाता, मुकुट, प्रभा, मुरजताल, रत्नछबि, सतत, शोभिनी, कान्ति, पाओगे, विभा, पहुँचते, सखियो, संयुक्त, उल्लास, सुन्दरी, नारियाँ, हित, इतनी, यक्षिणि, low, छपकर, टीका, isbn, 978, 82189, अमूल्य, डाक, व्यय, वहन, करेंगे, लीजिये, वेबसाइट, बहुप्रतिक्षित, पटकथा, इंजीनियर, नर्तक, पात्र, लम्बे, रंग, उन्मुक्त, वस्त्रो, सखियां, युवा, नासा, लबरेज, light, elevation, areas, both, craters, were, subsequently, flooded, volcanic, material, creating, smooth, plains, which, cratering, washington, continued, date, acquired, credit, nasa, johns, hopkins, university, applied, physics, laboratory, carnegie, institution, उत्साह, सजी, गाया, प्रकृति, राजनैतिक, निर्जीव, सप्राण, वाहक, आध्यात्मिकता, विशेषताओ, window, विश्वकाव्य, पूर्वमेघ, यात्रा, मार्ग, बतलाकर, मानवीकरण, बताने, अद्भुत, शक्ति, उत्तरमेघ, चित्रण, लौकिक, पति, तेरी, टकियो, नौकरी, लाखो, सावन, जाये, भौगिलिक, सौंदर्य, धजी, व्याकुल, अनुरूप, कथक, भंगिमायें, आवाश्यक, कथा, सार, यदि, मोबाइल, संभवतः, क्योकि, प्रत्यक्षतः, नवविवाहित, प्रेमी, मनोदशा, रुप, उससे, मिलने, उत्कंठा, माह, ॠतु, विरही, मध्य, रामगिरी, आकाश, उमड़, आये, बादलो, भेजता, अपरोक्ष, labels,
Text of the page (random words):
जैसे विषाद योग जब विषाद स्वगत होता है तो यह जीव के संताप में वृद्धि ही करता है और उसके हृदय मे अशांति की सृष्टि का निर्माण करता है जिससे जीवन मे आकुलता व्याकुलता और भयाकुलता उत्पन्न होती हैं परंतु जब जीव अपने विषाद को परमात्मा के समक्ष प्रकट कर विषाद को ईश्वर से जोडता है तो वह विषाद योग बनकर योग की सृष्टि श्रृखंला का निर्माण करता है और इस प्रकार ध्यान योग ज्ञान योग कर्म योग भक्तियोग उपासना योग ज्ञान कर्म सन्यास योग विभूति योग विश्वरूप दर्शन विराट योग सन्यास योग विज्ञान योग शरणागत योग आदि मार्गो से होता हुआ मोक्ष सन्यास योग प्रकारातंर से है तो विषाद योग से प्रसाद योग तक यात्रासंपन्न करता है इसी दृष्टि से गीता का स्वाध्याय हम सबके लिये उपयोगी सिद्ध होता हैं अनुवाद में प्रायः दोहे को छंद के रूप में प्रयोग किया गया है कुछ अनूदित अंश बानगी के रूप में इस तरह हैं अध्याय ५ से नैव किंचित्करोमीति युक्तो मन्येत तत्ववित् पश्यञ्श्रृण्वन्स्पृशञ्जिघ्रन्नश्नन्गच्छन्स्वपंश्वसन् प्रलपन्विसृजन्गृह्णन्नुन्मिषन्निमिषन्नपि इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेषु वर्तन्त इति धारयन् स्वयं इंद्रियां कर्मरत करता यह अनुमान चलते सुनते देखते ऐसा करता भान 8 सोते हँसते बोलते करते कुछ भी काम भिन्न मानता इंद्रियाँ भिन्न आत्मा राम 9 भोक्तारं यज्ञतपसां सर्वलोकमहेश्वरम् सुहृदं सर्वभूतानां ज्ञात्वा मां शान्तिमृच्छति हितकारी संसार का तप यज्ञों का प्राण जो मुझको भजते सदा सच उनका कल्याण 29 अध्याय ९ से अहं क्रतुरहं यज्ञः स्वधाहमहमौषधम् मंत्रोऽहमहमेवाज्यमहमग्निरहं हुतम् मै ही कृति हूँ यज्ञ हूँ स्वधा मंत्र घृत अग्नि औषध भी मैं हवन मैं प्रबल जैसे जमदाग्नि 16 इस तरह प्रो श्रीवास्तव ने श्रीमदभगवदगीता के श्लोको का पद्यानुवाद कर हिंदी भाषा के प्रति अपना अनुराग तो व्यक्त किया ही है किंतु इससे भी अधिक सर्व साधारण के लिये गीता के दुरूह श्लोको को सरल कर बोधगम्य बना दिया है गीता के प्रति गीता प्रेमियों की अभिरूचि का विशेष ध्यान रखा है गीता के सिद्धांतो को समझने में साधको को इससे बडी सहायता मिलेगी ऐसा मेरा विश्वास है अनुवाद बहुत सुदंर है शब्द या भावगत कोई विसंगति नहीं है अन्य गीता के अनुवाद या व्याख्येायें भी अनेक विद्वानो ने की हैं पर इनमें लेखक स्वयं अपनी संमति समाहित करते मिलते हैं जबकि इस अनुवाद की विशेषता यह है कि प्रो श्रीवास्तव द्वारा ग्रंथ के मूल भावो की पूर्ण रक्षा की गई है विभूति खरे समीक्षक posted by vivek ranjan shrivastava at 10 10 am 1 comment labels समीक्षा कृति श्रीमदभगवदगीता हिन्दी पद्यानुवाद saturday june 23 2012 नृत्य नाटिका मेघदूतम् नृत्य नाटिका मेघदूतम् मूल संस्कृत काव्य महाकवि कालिदास हिन्दी पद्यानुवाद प्रो चित्रभूषण श्रीवास्तव विदग्ध जबलपुर पटकथा इंजीनियर विवेक रंजन श्रीवास्तव जबलपुर नर्तक पात्र यक्ष वेषभूषा मात्र अधोवस्त्र व यज्ञोपवीत लम्बे केश यक्षिणी वेषभूषा श्रंगार विहीन अस्तव्यस्त किन्तु वैवाहिक प्रतीको सिंदूर बिंदी तदैव आभूषणो के साथ अति सुंदर रमणा मेघ श्याम रंग के उन्मुक्त वस्त्रो में यक्षिणी की सखियां युवा उत्साह से लबरेज सजी धजी गीत भाषा के भावो के अनुरूप संगीत तथा कथक नृत्य की भाव भंगिमायें आवाश्यक हैं नेपथ्य स्वर मेघदूत का कथा सार यदि कालिदास के समय में मोबाइल होता तो संभवतः मेघदूत की रचना ही न होती क्योकि प्रत्यक्षतः मेघदूत एक नवविवाहित प्रेमी यक्ष की अपनी प्रिया से विरह की व्याकुल मनोदशा में उससे मिलने की उत्कंठा का वर्णन है एक वर्ष के विरह शाप के शेष चार माह वर्षा ॠतु के हैं विरही यक्ष मध्य भारत के रामगिरी पर्वत से अपनी प्रेमिका को जो उत्तर भारत में हिमालय पर स्थित अलकापुरी में है आकाश में उमड़ आये बादलो के माध्यम से प्रेम संदेश भेजता है अपरोक्ष रुप से रचना का भाषा सौंदर्य मेघो को अपनी प्रेमिका का पता बताने के माध्यम से तत्कालीन भारत का भौगिलिक व राजनैतिक वर्णन निर्जीव मेघो को सप्राण संदेश वाहक बनाने की आध्यात्मिकता आदि विशेषताओ ने मेघदूत को अमर विश्वकाव्य बना दिया है मेघदूत खण्ड काव्य है २ खण्ड है पूर्वमेघ में ६७ श्लोक हैं जिनमें कवि ने मेघ को यात्रा मार्ग बतलाकर प्रकृति का मानवीकरण करते हुये अद्भुत कल्पना शक्ति का परिचय दिया है उत्तरमेघ में ५४ श्लोक हैं जिनमें विरह अवस्था का भावुक चित्रण है लौकिक दृष्टि से पति पत्नी में कुछ समय के लिये विरह बहुत सहज घटना है तेरी दो टकियो की नौकरी मेरा लाखो का सावन जाये आज भी गाया जाता है किन्तु कालिदास के समय में यह विरह अभिव्यक्ति यक्ष के माध्यम से व्यक्त की जा रही थी यक्षिणि शायद इतनी मुखर नही थी वह तो अवगुंठित अल्कापुरी में अपने प्रिय के इंतजार में ही है इसी सामान्य दाम्पत्य विरह की घटना को विशिष्ट बनाने की क्षमता मेघदूत की विशिष्टता है आइये मनीषा के कलाकारो के माध्यम से चलते हैं उस युग में जब संचार का सर्व श्रेष्ठ साधन हो सकते थे प्रतिवर्ष दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बढ़ते हुये मानसून के लरजते बरसते हुये बादल पर्दा खुलता है तड़ित की आवाज की गर्जना और तद्नुसार चमकता प्रकाश यक्ष वेषभूषा मात्र अधोवस्त्र व यज्ञोपवीत दर्शको की ओर पीठ किये हुये उदास अवस्था में बैठा हुआ है नृत्य नेपथ्य गायन अवसादमय संगीत के साथ मैं दुर्भाग्यवश दूर प्रिय से पड़ा हूं हो तुम श्रेष्ठ इससे है विनती हमारी संतप्त जन के हे आश्रय प्रदाता जलद मम प्रिया को संदेशा पठाना मैं धनपति के श्राप से दूर प्रिय से है अलकावती नाम नगरी हमारी यक्षेश्वरों की विशद चंद्रिका धौत प्रासाद है बन्धु गम्या तुम्हारी गगन पंथ चारी तुम्हें देख वनिता स्वपति आगमन की लिये आश मन में निहारेंगी फिर फिर ले विश्वास की सांस अपने वदन से उठा रूक्ष अलकें तड़ित की आवाज की गर्जना और तद्नुसार चमकता प्रकाश सुन कर्ण प्रिय घोष यह प्रिय तुम्हारा जो करता धरा को हरा पुष्पशाली कैलाश तक साथ देते उड़ेंगे कमल नाल ले हंस मानस प्रवासी यथा कृष्ण का श्याम वपु गोपवेशी सुहाता मुकुट मोरपंखी प्रभा से तथा रत्नछबि सम सतत शोभिनी कान्ति पाओगे तुम इन्द्र धनु की विभा से दृश्य परिवर्तन नेपथ्य स्वर आइये पहुँचते हैं हिमालय के कैलाश पर्वत में स्थित अलकापुरी में अलकापुरी यक्षिणी व सखियो का संयुक्त नृत्य नेपथ्य गायन उल्लास मय संगीत के साथ जहाँ सुन्दरी नारियाँ दामिनी सी जहाँ के विविध चित्र ही इन्द्र धनु हैं संगीत के हित मुरजताल जिनकी कि गंभीर गर्जन तथा रव गहन हैं उत्तुंग मणि रत्नमय भूमिवाले जहाँ हैं भवन भव्य आमोदकारी इन सम गुणों से सरल हे जलद वे हैं सब भांति तव पूर्ण तुलनाधिकारी लिये हाथ लीला कमल औ अलक में सजे कुन्द के पुष्प की कान्त माला जहाँ लोध्र के पुष्प की रज लगाकर स्वमुख श्री प्रवर्धन निरत नित्य बाला कुरबक कुसुम से जहाँ वेणि कवरी तथा कर्ण सजती सिरस के सुमन से सीमान्त शोभित कदम पुष्प से जो प्रफुल्लित सखे आगमन से तुम्हारे दृश्य परिवर्तन नेपथ्य गायन विरह संगीत के साथ यक्ष पत्नी की दशा श्रंगार विहीन अस्तव्यस्त किन्तु वैवाहिक प्रतीको सिंदूर बिंदी तदैव आभूषणो के साथ अति सुंदर रमणा स्टेज पर व्यथा से कृषांगी विरह के शयन में पड़ी एक करवट दिखेगी मलीना क्षितिज पूर्व के अंक में हो पड़ी ज्यों अमावस रजनि चंद्र की कोर क्षीणा वही रात जो साथ मेरे यथेच्छा प्रणय केलि में एक क्षण सम बिताती होगी विरह में महारात्री के सम बिताती उसे उष्ण आंसू बहाती मेघ का नृत्य सुभगे सखा स्वामि का मैं तुम्हारा गया सुखद संदेश लेकर पठाया संजोये सखा की सभी भावनायें सुनाने यहाँ तुम्हारे पास आया श्यामालता में सुमुखि अंग की कांति हरिणि नयन में नयन खोजता हूं मुख चंद्र में बर्हि में केश का रूप जल उर्मि में बंक भ्रू सोचता हूं पर खेद है किसी एक में भी तुम्हारी सरसता नहीं पा सका हूं तरसता रहा हूं सदा प्रिय परस को तुम्हारे दरस भी नहीं पा सका हूं किसको मिला सुख सदा या भला दुख दिवस रात इनके चरण चूमते हैं सदा चक्र की परिधि की भांति क्रमसः जगत में ये दोनो सदा घूमते हैं मेरी शाप की अवधि का अंत होगा भुजग शयन से जब उठेंगे मुरारी अतः इस विरह के शेष चार महीने नयन मूंदकर लो बिता शीघ्र प्यारी फिर विरह दिन की बड़ी लालसायें सभी पूर्ण होंगी हमारे भवन में सुख भोग होंगे कि जब हम मिलेंगे शरद चंद्रिकामय सुहानी रजनि में यक्ष नृत्य द्वारा मेघ को आशीष देता है कि उसकी पत्नी दामिनी से उसका विरह कभी भी न हो प्रिय कार्य को पूर्ण करके जलद तुम करो स्वैर संचार इच्छा जहां हो वर्षा विवर्धित लखो देश संपूर्ण तुम दामिनी से कभी ना जुदा हो नेपथ्य स्वर भारतीय संस्कृति में आत्म प्रशंसा को शालीनता के विपरीत आचरण माना गया है यही कारण है कि जहाँ विदेशी लेखकों के आत्म परिचय सहज सुलभ हैं वहीं कवि कुल शिरोमणी महाकवि कालिदास जैसे भारतीय मनीषीयों के ग्रँथ तो सुलभ हैं किन्तु इनकी जीवनी दुर्लभ हैं आत्म प्रवंचना से दूर कालिदास अपने विश्वस्तरीय ग्रंथो मेघदूतम् रघुवंशम् कुमारसंभवम् अभिग्यानशाकुन्तलम् आदि के माध्यम से अमर हैं ये सभी ग्रंथ मूलतः संस्कृत भाषा में लिखे गये हैं संस्कृत न जानने वाले हिन्दी पाठको के लिये जबलपुर के साहित्य मनीषी संस्कृत मर्मज्ञ प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध ने मेघदूतम व रघुवंशम सहित श्रीमद्भगवत गीता का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद किया है इति posted by vivek ranjan shrivastava at 11 15 pm no comments लीजिये छपकर आ गया बहुप्रतिक्षित ग्रंथ श्रीमद्भगवत गीता का हिन्दी पद्यानुवाद श्रीमद्भगवत गीता के समस्त श्लोको का मूल संस्कृत छंदबद्ध हिन्दी काव्य अनुवाद तथा हिन्दी टीका पद्यानुवादक प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव विदग्ध isbn 978 93 82189 00 8 पृष्ठ २५० हार्ड बाउण्ड इस अमूल्य कृति का मूल्य है मात्र २५० रु डाक व्यय प्रकाशक वहन करेंगे posted by vivek ranjan shrivastava at 6 47 am 1 comment friday march 30 2012 नासा की वेबसाइट पर संस्कृत kalidasa in detail this image taken with the narrow angle camera nac gives us a close up look at the crater kalidasa named for the renowned classical sanskrit writer kālidāsa it is likely that after kalidasa crater formed a smaller impact created a second crater and destroyed part of kalidasa s central peak the low elevation areas in both craters were subsequently flooded with volcanic material creating smooth plains on which light cratering has continued date acquired october 25 2011 image credit nasa johns hopkins university applied physics laboratory carnegie institution of washington posted by vivek ranjan shrivastava at 9 57 am 1 comment older posts home subscribe to posts atom ई बुक्स के इस समय में भी प्रकाशित पुस्तकों को पढ़ने का आनंद अलग ही है सहज सुलभ हमारी हिन्दी पुस्तकें किताबों की प्रतियां प्राप्त करने के लिये मूल्य इस पते पर भिजवायें प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव o b 11 mpeb colony rampur jabalpur m p 482008 india १ महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम् का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद द्वारा प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये ३५ ०० यू एस डालर ४ मूल संस्कृत श्लोक कस्यात्यन्तं सुखमुपगतं दुःखमेकान्ततोवा नीचैर्गच्छिति उपरिचदशा चक्रमिक्रमेण हिन्दी अनुवाद किसको मिला सुख सदा या भला दुःख दिवस रात इनके चरण चूमते हैं सदा चक्र की परिधि की भाँति क्रमशः जगत में ये दोनों रहे घूमते हैं मेघदूतम् हिन्दी पद्यानुवाद से अंश २ मुक्तक मंजूषा द्वारा प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये ३५ ०० यू एस डालर ४ धर्म तो प्रेम का दूसरा नाम है प्रेम को कोई बंधन नहीं चाहिये सच्ची पूजा तो होती है मन से जिसे आरती धूप चंदन नहीं चाहिये मुक्तक मंजूषा से ३ वतन को नमन हिन्दी छंदबद्ध १०८ देश प्रेम के गेय गीत द्वारा प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये १५० ०० यू एस डालर १५ ०० हिमगिरि शोभित सागर सेवित सुखदा गुणमय गरिमा वाली सस्य श्यामला शांति दायिनी परम विशाला वैभवशाली वतन को नमन से अंश ४ अनुगुंजन हिन्दी छंदबद्ध पद्य विविध गेय गीत द्वारा प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये १५० ०० यू एस डालर १५ ०० हो रहा आचरण का निरंतर पतन राम जाने कि क्यों राम आते नहीं है सिसकती अयोध्या दुखी नागरिक देके उनको देके शरण क्यों बचाते नहीं अनुगुंजन से ५ ईशाराधन हिन्दी छंदबद्ध पद्य ५१ ईश्वरीय प्रार्थनायें द्वारा प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये २५ ०० यू एस डालर ३ ०० शुभवस्त्रे हंस वाहिनी वीण वादिनी शारदे डूबते संसार को अवलंब दे आधार दे हो रही घर घर निरंतर आज धन की साधना स्वार्थ के चंदन अगरु से अर्चना आराधना आत्म वंचित मन सशंकित विश्व बहुत उदास है चेतना जग की जगा मां वीण की झंकार दे ईशाराधन से ६ नैतिक कथायें द्वारा प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये १५० ०० यू एस डालर १५ ०० बाल कथाओं का संग्रह ७ आक्रोश हिन्दी नई कविताओं का संग्रह द्वारा इं विवेक रंजन श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये ३५ ०० यू एस डालर ४ ०० जानता हूँ मैं कि तुम्हें अच्छा नहीं लगता मेरा लिखना खरा खरा माना कि क्रांति नहीं होगी मेरे लिखने भर से पर मेरे न लिखने से यथार्थ सुनहले सपनों सा सुंदर तो नहीं हो जायेगा सपनों को बनाने के लिये यथार्थ विवशता है अभिव्यक्ति आक्रोश की आक्रोश से अंश ८ राम भरोसे हिन्दी व्यंग संग्रह द्वारा इं विवेक रंजन श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये ८० ०० यू एस डालर ८ ०० रामभरोसे मेरे संप्रभुता सम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य की प्राथमिक इकाई है उसने हाल ही १८ की उमर पार की है संविधान उसे मताधिकार दे गया है इसी के साथ मुंआ महत्वपूर्ण वोटर बन गया है इन्हीं अनुभवों से मेरी ढ़ृड आस्था बन गई है कि हमारा लोकतंत्र रामभरोसे की सूझबूझ पर ही जिंदा है राम करे कि रामभरोसे की सूझबूझ ऐसी ही बनी रहे और हर बार नये सिरे से उल्लू बनने के लिये रामभरोसे के द्वारा रामभरोसे के मालिकों के लिये रामभरोसे के नेताओं का शासन यूं ही चलता रहे रामभरोसे व्यंग संग्रह से अंश ९ जादू शिक्षा का हिन्दी नुक्कड नाटक द्वारा इं विवेक रंजन श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये १० ०० यू एस डालर १ ०० जादूगर इन किताबों में रोजगार छिपा है जम्हूरा ऐसा क्या उस्ताद जादूगर जिसने किताबों को पढ़ समझ लिया वह आम से खास बन गया जादू शिक्षा का से अंश १० कौआ कान ले गया व्यंग संग्रह द्वारा इं विवेक रंजन श्रीवास्तव मूल्य भारतीय रूपये ६० ०० यू एस डालर ६ ०० प्रकाशक चाहिये महाकवि कालीदास कृत रघुवंशम् का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद द्वारा प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव समस्त २१ सर्ग लगभग ४०० पृष्ठ popular posts श्रीमद् भगवत गीता प्रथम अध्याय hindi padyanuvad by prof c b shrivastava श्रीमद् भगवत गीता प्रथम अध्याय अर्जुनविषादयोग दोनों सेनाओं के प्रधान शूरवीरों की गणना और सामर्थ्य का कथन धृतराष्ट्र उवाच धर्म महाकवि कालिदास कृत मेघदूतम् श्लोक ४६ से ५० हिन्दी पद्यानुवाद द्वारा प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध मो ००९४२५८०६२५२ महाकवि कालिदास कृत मेघदूतम् श्लोक ४६ से ५० हिन्दी पद्यानुवाद द्वारा प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध मो ००९४२५८०६२५२ तत्र भगवत गीता अध्याय 5 कर्म सन्यास योग हिन्दी अनुवाद प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध श्रीमद् भगवत गीता अध्याय 5 कर्म सन्यास योग हिन्दी अनुवाद प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध मो ०९४२५४८४४५२ सांख्ययोग और कर्मयोग का निर्णय meghdootam hindi poetry translation shlok 41 to 45 meghdootam hindi poetry translation shlok 41 to 45 by prof c b shrivastava vidagdh mandla jabalpur तां कस्यांचिद श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 6 ध्यान योग हिन्दी पद्यानुवादक प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध मो ९४२५४८४४५२ श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 6 ध्यान योग हिन्दी पद्यानुवादक प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध मो ९४२५४८४४५२ कर्मयोग का विषय और योगारूढ़ पुरुष क श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 11 hindi translation by prof c b shrivastava श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 11 hindi translation by prof c b shrivastava विश्वरूप के दर्शन हेतु अर्जुन की प्रार्थना अर रघुवंशम् हिन्दी काव्यानुवाद सहित रघुवंशम् हिन्दी काव्यानुवाद सहित http www amazon com dp b013kwcpxo श्रीमद्वभगवत गीता अध्याय 9 राजविद्वा राज गुहय योग hindi anuvadak prof c b shrivastava m 9425484452 श्रीमद्वभगवत गीता अध्याय 9 राजविद्वा राज गुहय योग hindi anuvadak prof c b shrivastava m 9425484452 प्रभावसहित ज्ञान का विषय श्रीभग श्रीमद्भवगत् गीता अध्याय 2 पद्यानुवाद प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध फोन ०७६१ २६६२०५२ श्रीमद्भवगत् गीता अध्याय 2 पद्यानुवाद प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध फोन ०७६१ २६६२०५२ अर्जुन की कायरता के विषय में श्री कृष्णार्जुन स महाकवि कालिदास के मूल संस्कृत रघुवंश के प्रथम सर्ग से श्लोक ४१ से ५० तक का प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध कृत हिन्दी श्लोकशः पद्यानुवाद संस्कृत श् महाकवि कालिदास के मूल संस्कृत रघुवंश के प्रथम सर्ग से श्लोक ४१ से ५० तक का प्रो सी बी श्रीवास्तव विदग्ध कृत हिन्दी श्लोकशः पद् total pageviews फटाफट प्रकाशित about me vivek ranjan shrivastava jabalpur m p india सामाजिक लेखन हेतु ११ वें रेड एण्ड व्हाईट पुरस्कार से सम्मानित रामभरोसे कौआ कान ले गया व्यंग संग्रहों आक्रोश काव्य संग्रह हिंदोस्तां हमारा जादू शिक्षा का नाटकों के माध्यम से अपने भीतर के रचनाकार की विवश अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का दुस्साहस हम तो बोलेंगे ही कोई सुने न सुने यह लेखन वैचारिक अंतर्द्वंद है मेरे जैसे लेखकों का जो अपना श्रम समय व धन लगाकर भी सच को सच कहने का साहस तो कर रहे हैं इस युग में लेखकीय शोषण व पाठकहीनता की स्थितियां हम सबसे छिपी नहीं है पर समय रचनाकारो के इस सारस्वत यज्ञ की आहुतियों का मूल्यांकन करेगा इसी आशा और विश्वास के साथ view my complete profile पूर्व प्रकाशित पूर्व प्रकाशित february 2007 2 november 2007 1 january 2009 4 march 2009 2 september 2009 4 october 2009 3 novembe...
|